प्यार में आंसू बहाए बहुत है, प्रेम की कसमें खाए बहुत है, प्यार में आंसू बहाए बहुत है, प्रेम की कसमें खाए बहुत है,
दिल बहकता है, तो बहकने दो, दिल राह भटकता है, तो भटकने दो, दिल बहकता है, तो बहकने दो, दिल राह भटकता है, तो भटकने दो,
तुम्हारा घर आँगन महका देंगी, इन्हें धरा पर ला कर तो देखो। तुम्हारा घर आँगन महका देंगी, इन्हें धरा पर ला कर तो देखो।
पहुँचता है शमसान, कोंख से निकलकर फिर भी सातों समंदर पार करता है आदमी, दो रोटी व दो गज़ ज़मीन ही कमाई... पहुँचता है शमसान, कोंख से निकलकर फिर भी सातों समंदर पार करता है आदमी, दो रोटी व ...
मानव के कर्मों से बनी त्रासदी हूँ मैं नदी हूँ मैं। मानव के कर्मों से बनी त्रासदी हूँ मैं नदी हूँ मैं।
नहीं अगर तु बचा सके,तो करते क्यों अपराध हो नहीं अगर तु बचा सके,तो करते क्यों अपराध हो